Hindi Animal Story for Kids // पिछला दरवाज़ा 

5/5 - (1 vote)

प्यारे बच्चो- आज हम आपके लिए Hindi Animal Story ले कर आये है और मुझे पूरी उम्मीद है की ये Hindi Animal Story ( कहानी ) आपको बेहद पसंद आएगी |

पिछला दरवाज़ा 

भीमा  भालू ने घर के दरवाजे, खिड़कियों की जांच की “सब ठीक से बंद थे. अपने कमरे में आ कर उस ने बत्ती बुझाई और बिस्तर पर लेट गया. अभी 5 मिनट भी न बीते थे कि वह उठ बैठा. ‘उफ, नींद ही नहीं आ रही,’ वह धीरे से बड़बड़ाया और कमरे में चक्कर लगाने लगा. __ ‘अरे, फिर गड़बड़ हो गई. मैं ने पिछला दरवाजा तो बंद ही नहीं किया,’ अचानक उसे ध्यान आया और वह नीचे भागा. पिछले दरवाजे की जांच की. दरवाजा खुला हुआ था. _ ‘हर बार यह दरवाजा बंद करना भूल जाता हूं. यह भूलने की आदत पता नहीं कब जाएगी,’ सोचते हुए अपने बिस्तर पर लेट गया |

_ अभी उस की आंख लगी ही थी कि कुछ गिरने की समझ न आया कि क्या हुआ है|
_ ‘शायद मैं ने सपना देखा होगा,’ बड़बड़ा कर उस ने करवट बदली और सोने की कोशिश करने लगा. भीमा को पता न था कि घर में चोर घुस आया है._पिछला दरवाजा खुला देख, ठगु लोमड़ चोरी करने अंदर घुस गया था.__ठगु नामी चोर था. खुद को बहुत होशियार समझता था.चोरी करने से पहले पूरी जांचपड़ताल कर लेता था.

भीमा के नौकर को बहला फुसला कर उस ने पता लगा लिया था कि भीमा अपनी दिनभर की कमाई दुकान में नहीं रखता, घर ला कर अपने कमरे में रखी एक तिजोरी में ही रखता है और सुबह दुकान पर जाने से पहले बैंक में जमा कर देता है |
__ठगु यह भी जानता था कि भीमा को चोरों से बहुत डर लगता है. हर रात सोने से पहले सारे दरवाजे, खिड़कियां ठीक से बंद कर लेता है, लेकिन इतनी सावधानी के बावजूद कभीकभी घर का पिछला दरवाजा बंद करना भूल जाता है |

__ठगु ने तय किया कि जिस दिन भीमा की दुकान पर खूब बिक्री होगी उसी रात वह पिछले दरवाजे के रास्ते घर के अंदर घुस कर सारे पैसे चुरा लेगा. तिजोरी खोलना उस के बाएं हाथ का काम था. भिखारी का भेष बना कर वह भीमा की दुकान के सामने बैठ गया. वह उस दिन की ताक में था जिस दिन भीमा मोटी रकम घर ले जाएगा.

ऐसा दिन आया. उस दिन भीमा की 50 हजार रुपए की बिक्री हुई. भीमा को अपने बैग में रुपए रखते देख ठगु के मुंह से लार टपकने लगी. वह भीमा का पीछा करते करते उस के घर तक आया. वहां छिप कर इंतजार करने लगा, लेकिन उस रात भीमा पिछला दरवाजा बंद करना नहीं भूला. ठगु की सारी योजना धरी की धरी रह गई |
‘उफ, आज भी बाजी गई हाथ से,’ वह खुद से ही बोला, ‘मगर मैं भी हार मानने वाला नहीं. आज नहीं तो कल, भीमा के पैसे मेरी मुट्ठी में होंगे.’
उसे ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा|


एक रात भीमा पिछला दरवाजा बंद करना भूल गया. उस दिन उस की बहुत बिक्री हुई थी. उस दिन रुपयों को वह 2 बैगों में भर कर घर लाया था. जैसे ही उस ने अपने कमरे की बत्ती बंद की, ठगु बहुत ही सावधानी से अंदर घुस गया. अंदर पहुंच कर वह छिपा ही था कि उसे लगा भीमा नीचे आ रहा है. वह थोड़ा डर गया. नीचे आ कर भीमा ने पिछला दरवाजा बंद किया, बाकी दरवाजे भी देखे और अपने कमरे में चला गया.


___ठगु ने मन ही मन कहा, ‘थोड़ा इंतजार करना होगा. यह सो जाए तभी ऊपर जाना ठीक होगा.’ _कोई एक घंटा इंतजार करने के बाद वह ऊपर आया. धीरे से भीमा के कमरे में घुसा. भीमा खर्राटे मार रहा था. ठगु ने मन ही मन कहा, ‘सोते रहो, बेटा. बस, 10 मिनट और ऐसे ही सोते रहो.’ ___ उस ने छोटी सी टार्च जला कर देखा तो  तिजोरी  भीमा के बिस्तर के पास ही रखी थी. उस ने अपने औजार निकाले. वह
तिजोरी खोलने में तो माहिर था ही. 2-3 मिनट में ही तिजोरी खुल गई. उस ने रुपयों से भरे दोनों बैग निकाल लिए. तिजोरी बंद की और वापस चल दिया. मगर

तभी गड़बड़ हो गई. बिस्तर के एक ओर एक मेज रखी थी. उस पर कई चीजें पड़ी थीं. उसे  पता ही न चला और उस का हाथ मेज पर रखी किसी वस्तु से जा टकराया. कुछ नीचे गिरा. जोर की आवाज हुई. डर के मारे ठगु की सांस रुक गई. आंख की पुतली भी हिलनी बंद हो गई|

आवाज सुन कर भीमा की नींद खुल गई. लेटेलेटे ही उस ने इधरउधर देखा, परंतु जिधर ठगु खड़ा था उधर न देखा. वह करवट बदल कर सो गया. ठगु को विश्वास ही न हुआ. उस ने मन ही मन कहा, ‘आज तो मैं बाजी मार ही लूंगा. भैया, अब सावधानी से निकल चलो. इतना पैसा हाथ लगा है कि सालभर कुछ नहीं करना पड़ेगा.’ उस के मन में आया कि टार्च जला कर देख ले कि क्या गिरा था. फिर सोचा कि चुपचाप भाग निकलने में ही भलाई है. वह चल दिया, पर उसे पता नहीं था कि मन की बात न मान कर उस ने कितनी बड़ी भूल कर दी है. वह भारी मुसीबत में
फंसने वाला था. उस का हाथ लगने से पानी का गिलास गिरा था. गिलास लुढ़क कर दरवाजे के बीच आ गया था. जैसे ही वह कमरे से बाहर निकलने लगा, उस का पांव गिलास पर आ पड़ा. वह फिसल गया. उस ने खुद को संभालने की कोशिश की, मगर कमरे के बाहर रखे एक बड़े फूलदान से जा टकराया. टकराने से जोर की आवाज हुई. आवाज सुन कर भीमा जल्दी से उठा और चिल्लाया, “कौन है?” ____ठगु के होश उड़ गए. जान बचाने के लिए वह सरपट भागा. घबराहट में सीढ़ियों पर उस का पांव फिसल गया. लुढ़क कर वह नीचे आ गिरा. उस की टांग की हड्डी टूट गई.

वह दर्द से चिल्लाया, “अरे, मर गया.” देखते ही देखते घर के सब लोग जाग गए. इतना ही नहीं, हल्ला सुन कर पड़ोसी भी इकट्ठे हो गए. किसी ने इंसपेक्टर होशियार सिंह को फोन कर दिया. _ठगु को देख सब दंग रह गए. सब उस से इतने परेशान थे कि उस की दुर्दशा देख कर भी किसी को उस पर तरस न आया. “हंसपेक्टर, इसे जेल में बंद कर दो,” इंसपेक्टर के आते रही भीमा ने चिल्ला कर कहा. “अरे, मैं मर गया. मेरी टांग टूट गई है,” ठगु दर्द से चिल्लाया.

“अब चिल्लाने से कुछ नहीं होगा. चोरी करने आए थे, अब सजा भुगतो,” भीमा ने फिर चिल्ला कर कहा. “भैया, कान पकड़ता हूं. अब कभी चोरी नहीं करूंगा. बस, मुझे अस्पताल ले चलो,” ठगु ने भीमा से गिड़गिड़ाते हुए कहा. इस धमाचौकड़ी में किसी ने पास पड़े बैग को देखा ही नहीं. उस पर जैसे ही भीमा की नजर पड़ी, वह चिल्लाया, “इस बैग में क्या है?” इंसपेक्टर ने बैग खोला. अंदर रुपयों से भरे 2 बैग थे. अपने बैग देख भीमा की तो जान ही निकल गई. फुरती से उस ने अपने बैग झपट लिए और बोला, “आज तो मैं लुट ही गया था.”

___ठगु को हथकड़ी लगा कर इंसपेक्टर साथ ले गया. अड़ोसी पड़ोसी भी चल दिए. भीमा बुदबुदाया, ‘जरूर ठगु पिछले दरवाजे से आया होगा. हर बार इसे बंद करना भूल जाता हूं. आज दरवाजे को सदा के लिए ही बंद कर झंझट ही खत्म कर देता हूं.’
____घरवालों ने बहुत समझाया कि दरवाजा बंद कर देने से कठिनाई होगी, परंतु भीमा कहां कुछ सुनने वाला था. रातोरात पिछला दरवाजा सदा के लिए बंद कर दिया और फिर चैन की नींद सोया| 

प्यारे बच्चो- आपको ये Hindi Animal Story कहानी कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा ताकि हम आपके लिए इसी तरह की Hindi Animal Story मजेदार कहानियाँ ले कर आयें | 

Read more stories

 

 

 

 

Leave a Comment