Motivation story hindi // मन का बोझ { अब्राहम लिंकल्न की कहानी }

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प्यारे बच्चो- आज हम आपके लिए motivation story hindi ले कर आये हैं जिसे पढ़कर आपके आँखों मैं आँसू आ जायगे , दरअसल ये motivation story hindi कहानी अब्राहम लिंकल्न की है जो अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने थे | 

मन का बोझ 

मुझे एक मित्र ने बताया है कि आप के पास जार्ज वाशिंगटन के जीवन से संबंधित एक पुस्तक है?”अब्राहम ने सकुचाते हुए अपने गुरूजी से पूछा.“हां, वह काफी अच्छी पुस्तक है,” गुरुजी ने बताया.“क्या आप मुझे वह पुस्तक कुछ दिनों के लिए देंगे?”अब्राहम ने बड़ी नम्रता से कहा, “मैं जार्ज वाशिंगटन की जीवनी पढ़ना चाहता हूँ .”

____ “देखो, अब्राहम, मैं किसी को अपनी पुस्तक नहीं देता हूँ .लेकिन मैं जानता हूं कि तुम्हें पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौक है.इसलिए एक सप्ताह के लिए तुम यह पुस्तक ले जा सकते हो.“और हां, इस बात का ध्यान रखना कि यह पुस्तक खराब न हो जाए, कहीं से पन्ने मुड़ या फट न जाएं ” पुस्तक देते हुए गुरूजी  ने कहा,“आप निश्चित रहिए में आप की पस्तक को जरा भी खराब नहीं होने दूँगा और सप्ताह भर में लौटा दूँगा ,”अब्राहम ने बड़े विश्वास से कहा,अब्राहम गुरूजी से पुस्तक ले कर ख़ुशी ख़ुशी घर की और बढ़ गया|

अब्राहम बहुत  गरीब लड़का था, वह अमरीका के इंडियाना गाँव में रहता था, उसे बचपन से ही पढ़ने लिखने का ‘शोक था, जब भी समय मिलता, वह अच्छी अच्छी पस्तके पढ़ता, जेब खर्च के लिए उसे पैसे मिलते तो वह पस्तकें खरीद लाता, मां उसे अकसर कहा करती थीं, “तम्हें खूब पढ़ना लिखना चाहिए तभी तुम  बड़े हो कर विद्वान और अच्छे इन्सान बनोगे.”पढ़ाई के साथ-साथ अब्राहम खेती के काम में भी अपने
पिता टॉमस लिकन का हाथ बंटाता था,

घर पहुँच कर अब्राहम अंगीठी की रोशनी में उम पुस्तक को पढ़ने लगा. पुस्तक उसे इतनी अच्छी लगी कि वह काफी समय तक पढ़ता रहा. उसे पता ही न चला कि कब उम के माता-पिता सो गए..काफी रात हो गई. अचानक उस के पिता की नींद खुल गई. अब्राहम को इतनी देर तक पढ़ते हुए देख कर वह बनावटी गुस्से से बोले. “अब्राहम, चल जा कर सो. इतनी रात तक पढ़ना ठीक नहीं होता.”पिता की बात को वह टाल न सका. उठ कर उस ने पुस्तक खिड़की में रख दी और बिस्तर पर जा कर लेट गया. कुछ देर वह पुस्तक में लिखी बातों के बारे में विचार करता रहा.फिर न जाने कब उस की आँख लग गई|

सबह उस की नींद खुली तो वह उठ खड़ा हुआ,सबह-सुबह थोड़ी देर तक पुस्तक पढ़ने की इच्छा से वह खिड़की के पास पुस्तक लेने पहुँचा तो चौंक पड़ा. रात को बारिश हुई थी और बारिश की बौछारों से पुस्तक काफी गीली हो गई थी– पुस्तक की यह हालत देख कर अब्राहम घबरा गया. यह चिता में पड़ गया, ‘अब गुरुजी को क्या मुँह  दिखाऊँगा | भींगी हुई पुस्तक उन्हें कैसे दूँगा !… मेरे बारे में वह क्या सोचेंगे। अपनी लापरवाही पर उसे बहुत गुस्सा आ रहा था.आखिर शाम को अब्राहम पुस्तक ले कर गुरुजी के पास पहुँचा. उस ने बड़े दुखी स्वर में गुरुजी से कहा, “मुझे बहुत खेद है कि मैं ने आप की पुस्तक खराब कर दी.”गुरुजी पुस्तक की बुरी हालत देख कर झल्ला गए,“ओह! तो तुम ने मेरी कीमती पुस्तक खराब कर ही दी. मैं ने सचमुच तुम्हें पुस्तक दे कर बहुत बड़ी गलती की.”. “गुरूजी, रात को पुस्तक पढ़ कर मैं ने खिड़की में रख दी थी. रात को बारिश हुई तो बौछारों से पुस्तक भीग गई. मुझे दुख है कि आप की पुस्तक को मैं………………….”
“तुम्हारे दुखी होने से मुझे क्या लाभ?”गुरुजी बीच में ही बोल पड़े, “मेरा तो बहुत नुकसान हो गया है. यह पुस्तक तो बहुत कीमती है. इस की कीमत कौन देगा?” “मैं गरीब हूँ. मेरे पास पैसे भी नहीं हैं,” अब्राहम ने कहा|
“तो मेरे पास कौन सा खजाना गढ़ा हुआ है?” गुरुजी ने कहा, “तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं, तो कुछ काम करो और मेरे पैसे चुका दो.”

“आप ही बताइए कि मैं क्या करूं? इस पुस्तक के मूल्य के बदले में आप जो काम कहेंगे, मैं करने को तैयार हूँ ” “ठीक है! यह पुस्तक टेबल पर रख दो और कल से तीन दिन तक मेरे खेत पर काम करो. मैं यह समझ लूँगा  कि तुम ने मेरी पुस्तक का मूल्य चुका दिया है. और तब तुम यह पुस्तक स्वयं रख लेना| “

__ यह सुन कर अब्राहम के मन का बोझ हल्का हो गया.मेहनत से वह जरा भी नहीं घबराता था. उस ने तीन दिन तक गुरुजी के खेत पर कड़ी मेहनत की और चौथे दिन वही पुस्तक ले कर वह खशीखुशी घर लौट आया| अपनी लगन और परिश्रम के बल पर यही बालक आगे जा कर सन 1861 में अमरीका का 16वां राष्ट्रपति बना| 

प्यारे बच्चो- आप सभी को ये motivation story hindi कहानी कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा ताकि हम आपके लिए इसी तरह महापुरुषो की कहानी ले कर आ सके | 

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