Seven Deadly Sins with Definitions and Meaning

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क्या आप जानते हैं दुनिया के Seven Deadly Sins with Definitions? अगर नहीं, तो आज जानेंगे दुनिया के Seven Deadly Sins with Definitions.

आओ जाने दुनिया के 

Seven Deadly Sins with Definitions 

 

Many of you must have often heard and seen about the Seven Wonders of the World. It is a matter of great pride for India (Taj Mahal) it also includes in these wonders, but have you ever heard about the seven Deadly sins of the world? Do you know what are the seven great sins of the world?

आप में से बहुत सारे लोगों ने अक्सर दुनिया के सात आश्चर्य के बारे में सुना और देखा होगा। भारत के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि इन अजूबों में अब ताजमहल भी शामिल है लेकिन क्या आपने कभी दुनिया के सात महापापों के बारे में भी सुना है? क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सात महापाप कौन-कौन से हैं?

The festive season has started in India. From today, all kinds of fun and celebrations will start and they will lose all people in celebration of the festive season along with the pleasant weather. But on this occasion, we have brought seven great sins of the world. So today we will know what are these seven great sins and how is it seen in the world.

भारत में इस समय फेस्टिव सीजन का आगाज हो चुका है। आज से मस्ती और हर एक प्रकार का जश्न मनाया जाना शुरू हो जाएगा और सभी लोग अच्छे मौसम के साथ साथ फेस्टिव सीजन के जश्न में खो जाएंगे। लेकिन इस मौके पर हम लेकर आए हैं दुनिया के सात महापाप,तो आज हम जानेंगे यह सात महापाप कौन से हैं और साथ ही दुनिया में इसे किस प्रकार देखा जाता है। 

In English we also call them Seven Deadly Sins or Capital Vices and Cardinal Sins. Ever since man came into the earth, spiritual thoughts like sin-virtue, good-evil, moral-immoral exist in him. They practice it in some form in all religions and every region.

अंग्रेजी में इन्हें सेवेन डेडली सिंस (Seven Deadly Sins) या कैपिटल वइसेस  (Capital Vices) और कार्डिनल सिंस (Cardinal Sins) भी कहा जाता है। जब से मनुष्य धरती में आया है तभी से उनमें पाप – पुण्य, भलाई – बुराई, नैतिक- अनैतिक जैसे आध्यात्मिक विचार मौजूद हैं। सभी धर्म और हर क्षेत्र में इसका प्रचलन किसी ना किसी रूप में जरूर है। 

These Seven Deadly Sins with Definitions are as follows ;

  1. Lust
  2. Gluttony
  3. Greed
  4. Sloth
  5. Wrath
  6. Envy
  7. Pride

All these words are forms of expressive noun but they also use many of them as adverbs and adjectives.If you look at them carefully, we know it that all these great sins are everywhere and every one of us is suffering from one of these fathers. In the olden days, they were all involved in great sins and were taught to avoid them.In the ancient times, all these were placed in the list of Christianity because of this they were always blamed for man and then there was no option of salvation with no confession.

यह Seven Deadly Sins with Definitions इस प्रकार हैं ;

  1. हवस
  2. पेटूपन
  3. लालच
  4. आलस्य
  5. क्रोध
  6. ईर्ष्या
  7. अहंकार

यह सारे शब्द भाववाचक संज्ञा के रूप हैं लेकिन इनमें से कई का प्रयोग क्रिया और विशेषण के रूप में भी होता है। अगर इन्हें गौर से देखें तो पता चलता है कि इन सभी महा पापों की हर जगह भरमार है और हम में से हर एक इनमें से किसी ना किसी बाप से ग्रसित है। पुराने जमाने में इन सबको बड़े पाप में शामिल किया जाता था और उनसे बचने की शिक्षा दी जाती थी। पुराने जमाने में ईसाई धर्म में इन सब को को और पाक की सूची में रखा गया था क्योंकि इनकी वजह से मनुष्य सदा के लिए दोषी ठहरा दिया जाता था और फिर बिना किसी कन्फेशन के मुक्ति का कोई चारा नहीं था। 

Lust / हवस 

Lust (हवस)  यानी उत्कंठा, लालसा, कामुकता, कामवासना, (Intense or unrestrained sexual craving) यह मनुष्य को दंडनीय अपराध की ओर ले जाते हैं और इनसे समाज में कई प्रकार की बुराइयां फैलती हैं। विशेषण में इसे लस्टफुल (lustful) कहते हैं।

Gluttony / पेटूपन

Gluttony (ग्लूटनी) यानी पेटूपन। इसे भी सात महापापों में रखा गया है। जी हां, दुनिया भर में तेजी से फैलने वाले मोटापे को देखें तो यही लगता है कि पेटूपन बुरी चीज है और हर जमाने में पेटूपनं की निंदा हुई है और इसका मजाक उड़ाया गया है। टूंस कर खाने को महापाप में इसलिए रखा गया है कि एक तो इसमें अधिक खाने की लालसा है और दूसरे यह जरूरतमंदों के लिए खाने में हस्तक्षेप का कारण है।
मध्यकाल में लोगों ने इसे विस्तार से देखा और इसके लक्षण में छह बातें बताईं, जिनसे पेटूपन साबित होता है। वह इस प्रकार हैं।
eating too soon -eating too eagerly
eating too expensively eating too daintily
eating too much—eating too fervently

Greed / लालच 

Greed (ग्रीड) यानी लालच, लोभ। यह भी लस्ट और ग्लूटनी की तरह है और इसमें भी अत्याधिक प्रलोभन होता है। चर्च ने इसे सात महापाप की सूची में अलग से इसलिए रखा है कि इसमें धन-दौलत का लालच शामिल है

(An excessive desire to acquire or possess
more than what one needs or deserves,
especially with respect to material wealth )

Sloth / आलस्य

Sloth (स्लोथ) यानी आलस्य, सुस्ती और काहिली (Aversion to work or exertion, laziness, indolence) पहले स्लौथ का अर्थ होता था उदास रहना, खुशी न मनाना और इसे महापाप में इसलिए रखा गया था कि इससे खुदा की दी हुई चीज से परहेज होता था। इस अर्थ का पर्याय आज melancholy, apathy, depression और  joylessness होगा। 
इसे इसलिए महापाप में शामिल किया गया। नतीजतन आदमी अपनी योग्यता और क्षमता का प्रयोग नहीं करता।

Wrath / क्रोध 

Wrath (रैथ) गुस्सा, क्रोध, आक्रोश। इसे नफरत और गुस्से का मिला-जुला रूप कहा जा सकता है, जिसमें आकर कोई कुछ भी कर सकता है। यह सात महापाप में अकेला पाप है, जिसमें हो सकता है कि आपका अपना स्वार्थ शामिल न हो (Forceful, often vindictive anger)

Envy / ईर्ष्या

Envy (एनवी) यानी ईर्ष्या, डाह, जलन, हसद। यह ग्रीड यानी लालच से इस अर्थ में अलग है कि ग्रीड में धन-दौलत ही शामिल है, जबकि यह उसका व्यापक रूप है। यह महापाप इसलिए है कि कोई गुण किसी में देख कर उसे अपने में चाहना और दूसरे की अच्छी चीज को न देख पाना।

Pride / अहंकार

Pride (प्राइड) यानी घमंड, अहंकार, अभिमान को सातों महापाप में सबसे बुरा पाप समझा जाता है और किसी भी धर्म में इसकी कठोर निंदा और भर्त्सना की गई है। इसे सारे पाप की जड़ समझा जाता है क्योंकि सारे पाप इसी के पेट से निकलते हैं। इसमें खुद को सबसे महान समझना और खुद से अत्याधिक प्रेम शामिल है।

 

अंग्रेजी के सुप्रसिद्ध नाटककार क्रिस्टोफर मारलो ने अपने नाटक डॉ. फॉस्टस में इन सारे पापों का व्यक्तियों के रूप में चित्रण किया है। उनके नाटक में यह सारे महापाप इस क्रम pride, greed, envy, wrath, gluttony, sloth, lust में आते हैं। अब जबकि आपने seven deadly sins with definitions देख लिए हैं तो एक नजर सात महापुण्य पर भी डाल ली जाए।

यह इस प्रकार हैं –
लस्ट (Lust)-Chastity पकीजगी, विशुद्धता
ग्लूटनी (Gluttony) – Temperance आत्म संयम,परहेज
ग्रीड (Greed)-Charity यानी दान, उदारता
सलौथ  (Sloth) – Diligence यानी परिश्रमी
रैथ (Wrath)-Forgiveness यानी क्षमा, माफी
एनवी (Envy) -Kindness यानी रहम, दया
प्राइड (Pride)-Humility विनम्रता, दीनता, विनय। 

तो फिर क्या सोच रहे हैं। चलिए अब बिना किसी लाग-लपेट के एक संकल्प लें और इन महापापों से बचें। वैसे जश्न के
माहौल में कुछ ज्यादा खाने से मना करने पर कहीं आप नाराज तो नहीं हो गए हैं?

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