Sukti hindi kahani // समुंद्री तूफ़ान और ख़ोज 

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प्यारे बच्चो- आज मैं आपके लिए sukti hindi कहानी ले कर आया हूँ , दरअसल ये कहानी समुंद्री तूफान में फंसे एक पिता की है | 

समुंद्री तूफ़ान और ख़ोज

ह ठंड की शाम थी, टुंड्रा क्षेत्र में बर्फीली हवाएँ बह रही थीं. बर्फीला तूफान आने को था. उत्तरी ध्रुव के ऐसे वातावरण में दस वर्षीय गुस्ताफ अपनी स्लेजगाड़ी चला रहा था. वह अचानक जोर से चीखा, हाय हाय.”

– उस की स्लेजगाड़ी का चक्का  उस के नियंत्रण से बाहर हो गए थे. वह उन्हें धीमा नहीं कर पा रहा था,उस के सामने अपने परिवार का चेहरा उभर आया. उस की दो छोटी बहनें हैली व ओला और उस की मां मार्टी, सभी आग के पास बैठी उत्सुकता से उस का इंतजार कर रही होंगी| 

मछली की हड्डियों के सूप के सिवाए दो दिनों से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है. मछलियों के कंकाल भी माँ बर्फ से खोद कर लाई थीं. हमेशा की तरह उस दिन भी गुस्ताफ के पिता बड़े सवेरे अपनी स्लेजगाडी  ले कर निकले थे, लेकिन इतनी देर हो जाने पर भी वे अब तक नहीं लौटे थे|

गुस्ताफ को तूफान की सूचना मिली तो वह अपने पिता की खोज में बाहर निकल आया था. हालांकि उस की मां ने बारबार मना किया था, फिर भी गस्ताफ बर्फीली आंधी की परवा किए बगैर अपने पिता की खोज में निकल पड़ा था. उस ने अपनी मां से यही कहा कि पिताजी को किसी तरह का खतरा हो सकता है| 

अपने पिता की स्लेजगाडी द्वारा छोड़े गए निशानों के सहारे वह काफी दूर निकल आया, लेकिन जैसेजैसे वह आगे बढ़ता जा रहा था, स्लेजगाड़ी के चिन्ह धीरेधीरे हलके होते जा रहे थे_ बर्फ के कण हवा में उड़ रहे थे,रोशनी कम होने लगी बर्फ की पतली तह पर स्लेज घरघर्र करती हुई बढ़ती जा रही थी. आसपास का पानी जमने लगा था. इस कारण कत्तों के पैरों पर चोट लग रही थी और उन्हें चलने में असुविधा हो रही थी|

sukti hindi

धीरेधीरे बर्फीली आंधी चलनी शुरू हो गई. वह चीखा,“जल्दी .”____अंत में उसे सफलता मिल गई. उसे अपने पिता की स्लेजगाड़ी दिखाई दिए. वह खुशी से चिल्ला उठा, “हरे, यह रही पिताजी की स्लेजगाड़ी और सारी चीजें… लेकिन पिताजी कहाँ हैं?”

____गुस्ताफ आगे बढ़ा. धीरेधीरे वह एक बर्फीली चोटी से दूसरी चोटी की ओर बढ़ता रहा| अचानक उसे बर्फ में लाल चट्टान का टुकड़ा दिखाई दिया,उस के पास एक सील मछली मरी हुई थी, थोड़ा और आगे बढ़ा तो उसे पिताजी भी दिखाई दे गए| 

वे बेहोशी की हालत में वहां पड़े हुए थे. उस ने सहारा दे कर उन्हें उठाया. अपने पास से उन्हें चाय पिलाई, जिस से वह कुछ ठीक हुए. फिर वह उन्हें धीरे-धीरे स्लेज पर ले आया | गुस्ताफ कूद कर गाड़ी पर बैठा. लगाम संभाली और पूरी स्पीड से वो घर की तरफ रवाना हो गया | 

___ अब उस के पिता ठीक थे. वह खुद भी ठीक था.वही साथ सील मछली को लाना भी नहीं भूला. सील की ही उस के मुँह  में पानी भर आया. वाह ! अब तो सब पेट भर खाएंगे..

प्यारे बच्चो, आपको ये sukti hindi कहानी कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा ,ताकि हम आपके लिए sukti hindi की कहानियाँ ले कर आ सके |

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